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बिलासपुर – कानन पेंडारी जू में हार्ट अटैक से वन्य प्राणियों की मौत की घटना लगातार हो रही है। शनिवार को जिस चार साल की हिप्पो सहेली की मौत हुई, उसका कारण भी यही है। पर जू प्रबंधन जब भी पशु चिकित्सकों से अटैक की वजह पूछते हैं तो वह इसका कारण नहीं बता पाते।कानन पेंडारी जू में शनिवार की सुबह सहेली नाम की हिप्पोपोटामस की मौत हो गई। शव पानी में तैर रहा था। इस घटना से हड़बड़ाए अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद हमेशा की तरह चिकित्सकों की टीम बुलाई गई। जिन्होंने अधिकारियों के समक्ष पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम के दौरान हिप्पो के पेट से भरपूर हरा चारा निकला। मसलन उसने भरपेट आहार किया था। वह स्वस्थ्य थी और केज में उसकी गतिविधियां रोज की तरह सामान्य थी। पोस्टमार्टम के दौरान जैसे ही चिकित्सकों ने हृदय गति रूकने की वजह से मौत बताई जू प्रबंधन सकते में आ गया। क्योंकि यह पहली घटना नहीं थी। इससे पहले दो हिप्पोपोटामस गजनी व सजनी की मौत भी इसी वजह से हुई थी।
दो बाइसन और एक रेटल ने भी इसी तरह दम तोड़ दिया। जू प्रबंधन पशु चिकित्सकों से बार- बार यह जानकारी पूछता रहा है कि आखिर हार्ट अटैक कैसे आ रहा है, पर पशु चिकित्सकों के पास इसका कोई जवाब नहीं है। कानन के डीएफओ श्री नायर ने बताया कि जु का निरीक्षण करने भुनेश्वर से टीम आएगी, जिसके बाद जु में जानवरों के आहार और रहन सहन को लेकर बदलाव किए जाएंगे।
कानन पेंडारी जू में पशु चिकित्सक की कमी है। वर्तमान में यहां केवल एक चिकित्सक है। इतनी बड़ी संख्या में वन्य प्राणियों की जवाबदारी एक अकेले चिकित्सक पर होने के कारण भी ठीक तरह से जांच नही हो पाती और न आहार चार्ट या अन्य जरुरी प्रक्रियाएं पूरी की जाती है। जू प्रबंधन को भी जब वन्य प्राणियों की मौत होती है तभी व्यवस्था के सुध लेने की फुर्सत मिलती है।
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