बिना प्रयोग किए पूरी हो गई बच्चो की प्रायोगिक परीक्षा।किसी लैब किसी कैमिकल की कोई जानकारी नहीं बच्चो को। जाने पूरी खबर:-

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बिलासपुर। जिले के हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षा लगभग पूरी हो चुकी है। लेकिन, इस बार बच्चों को लैब व कैमिकल दिखाए बिना ही परीक्षा पूरी कर ली गई। इस बार किसी भी स्कूल में पर्यवेक्षक भी नहीं भेजे गए। संबंधित स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षकों को प्रैक्टिकल परीक्षा करवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लैब और कैमिकल के उपयोग किए बिना ही बच्चों को नंबर दिए जाएंगे। जिले के अधिकांश हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में कई सालों से लैब की सुविधा नहीं है। फिर भी वहां प्रैक्टिकल करवा दिए गए।

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Tanay

जिले में 129 हायर सेकेंडरी व 151 हाई स्कूल संचालित हो रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते बीते जनवरी माह से आठ फरवरी तक स्कूलों में ताले लगे थे। इसके कारण बच्चे स्कूल भी नहीं पहुंचे। स्कूल बंद करने से पहले ही 10वीं-12वीं में प्रैक्टिकल परीक्षा करवा दी गई थी। जबकि ज्यादातर स्कूलों में लैब की सुविधा नहीं है। इससे प्रैक्टिकल की कक्षाएं लग पाईं। जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां के शिक्षकों को प्रैक्टिकल क्लास लेने में परेशानी हुई। स्कूलों से लैब के सामान भी गायब हो चुके हैं।

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प्रभावित रही प्रैक्टिकल की पढ़ाई

कोरोना संक्रमण और लैब की कमी के कारण प्रैक्टिकल की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जिन स्कूलों में लैब की सुविधा है, वहां के बच्चों को भी लैब में कुछ जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि कैमिकल के बारे में भी नहीं बताया गया। सिर्फ परीक्षा लेकर बच्चों को भेज दिया गया। रखरखाव नहीं होने से लैब की सामग्री धूल खा रही है, जिससे वह उपयोग करने लायक तक नहीं बची है।

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