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राज्य के गौठानों में गोबर से विद्युत उत्पादन (electricity generation from cow dung) प्रोजेक्ट लगाने के लिए अब तक 5 युवा उद्यमियों ने एमओयू किया है। उद्यमियों द्वारा गौठानों में इसके लिए 10-10 करोड़ रूपए का निवेश प्रस्तावित है। विद्युत उत्पादन के लिए गौठानों में खरीदे जाने वाले गोबर का उपयोग उद्यमियों द्वारा प्राथमिकता से किया जाएगा। इसके बाद निजी क्षेत्र की डेयरी फार्म के गोबर एवं शहर में एकत्र होने वाले वेस्टेज का भी उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जा सकेगा।
मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में आयमूलक गतिविधियों के विस्तार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा है। उन्होंने कहा कि गौठानों को ग्रामीणों के आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट सहित अन्य उत्पादों के मार्केटिंग एवं विक्रय की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। किसान गौठानों से सीधे वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का उठाव कर सके, इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक नियम निर्देश तैयार करने की भी बात कही।
बैठक में जानकारी दी गई कि गौठानों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए जी-मैप-एप्प तैयार किया गया है। 4043 गौठानों मल्टीएक्टिविटी संचालित है, जिसके अंतर्गत कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र सहित प्रसंस्कृत उत्पाद, यूटीलिटी प्रोडक्ट्स, हस्तशिल्प, विशिष्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं।
बैठक में कार्बन क्रेडिट परियोजना, पैरादान एवं चारा उत्पादन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना के निर्देश सभी जिलों को दिए गए हैं। गौठानों में 152 तेल मिल, 173 दाल मिल, 105 ऑटा मिल, 973 मिनी राईस मिल तथा 144 अन्य मिलों सहित कुल 1547 इकाईयों की स्थापना की कार्ययोजना पर अमल शुरू कर दिया गया है। अब तक 868 प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जा चुकी हैं।
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