जानें क्यों रायपुर की लखपति भिखारी मांग रही है भीख !

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देश में भीख मांगते हुए आपको कहीं भी ट्रैफिक सिग्नलों और सड़क पर भिखारी मिल जाएंगे, लेकिन इनके पास कई तरीके होते हैं जिससे वहां भीख मांग कर गुजारा करते हैं. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी भिक्षुको को पुनर्वास करने का अभियान शुरू किया गया है.

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इस दौरान एक लखपति भिक्षुक ने सबको हैरान कर दिया है. इसके पीछे की कहानी बहुत ही हैरान करने वाली है जिसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगे जो महिला भीख मांगती है असल में वह लखपति है. जब इसे कल्याण विभाग ने पकड़ा तो इसके पीछे की सच्चाई जानकर विभाग के अधिकारियों के भी होश उड़ गए.दरअसल, राजधानी रायपुर के चौक चौराहे, मंदिर, बाजारों में बड़ी संख्या में भिक्षावृत्ति करते हुए लोग नजर आएंगे. इसमें छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाएं भी दिखती है.

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हालांकि इन सभी को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा भिक्षुकों का रेस्क्यू किया जा रहा है.इसी कड़ी में एक लखपति भिक्षुक महिला की संपति जानकर सब हैरान हो गए.वहीं समाज कल्याण विभाग की मानें तो शहर में कई भिखारी है जो संपन्न परिवार से आते हैं, लेकिन आज भी भीख मांग कर रोजाना हजारों रुपए कमाते हैं.

जानिए क्यों भिक्षु बनकर भीख मांग रही लखपति महिलाबता दें कि राजधानी में अब लखपति भिक्षुक भी नजर आने लगे हैं.भिक्षुक महिला का नाम बेनवती जंघेल है, जिनका एक बेटा विदेश में काम करता है और दूसरा किराना व्यवसायी है.इसके बाद भी वे रायपुर के चौक चौराहों पर भीख मांगती नजर आई, जब भिक्षुक महिला से भीख मांगने की वजह पता की गई तो महिला ने बताया कि वे भीख नहीं मांगती बल्कि उन्हें बीमारी है.इस वजह से वे मंदिर,मस्जिद के चक्कर लगा रही थी.उन्होंने अपना घर किराए पर भी दिया है, जिससे वो हर महीने उन्हें 5 से 6 हजार रुपए मिल जाते हैं. हालांकि इस भिक्षुक महिला के खाते में 60 हजार रुपए जमा भी है.

महिला के दोनों बेटे हैं अमीरवहीं, समाज कल्याण विभाग ने जिस महिला को पकड़ा था, वह महिला संपन्न परिवार से निकली है. उस महिला के दोनों बेटे संपन्न एक बेटा विदेश में तो दूसरा लग्जरी लाइफ जी रहा है. महिला का एक बेटा खुद के मकान में अपने परिवार के साथ रहता है, तो दूसरा बेटा विदेश में नौकरी कर रहा है.

इस दौरान महिला भी उस मकान में रहती है 3 किरायेदारों को कमरे किराये से दे रखे है जिससे वहां 8000 हजार रुपए महिला कमा भी लेती है. फिलहाल समाज कल्याण विभाग अब इस महिला को भिक्षुक पुनर्वास केंद्र ले गई है.वहीं, प्रबंधक ममता शर्मा ने जब महिला के बारे में जानकारी मांगते हुए उससे पूछा कि वहां क्यों भिक्षा मांगती है तो उसने भिक्षा मांगने की बात से इनकार कर दिया है. फिलहाल विभाग महिला की काउंसलिंग करवा रहा है और जल्दी ही इसके पीछे की सारी जानकारी सामने आ जाएगी.

रोज भीख मांगकर कमा रहे हजारों रुपए- प्रबंधकगौरतलब है कि भिक्षुक पुनर्वास केंद्र की संचालक ममता शर्मा ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा भिक्षुको के रेस्क्यू का काम लगातार जारी है. इस दौरान जब इन्हें पुनर्वास केंद्र लाया जाता है तो लगभग 85 प्रतिशत भिखारी ये इनकार कर देते हैं कि वे भीख मांगते थे, जिससे कि टीम उन्हें जल्द से जल्द छोड़ दे.

हालांकि इस दौरान काफी भिखारी ऐसे मिल रहे हैं जो संपन्न परिवार से हैं. वे रायपुर के चौक चौराहों में भीख मांगकर हजारों रुपए कमाते हैं. उनका कहना है कि इसी में कुछ संगति में भी भीख मांगने के लिए निकल जाते हैं इनका काफी बड़ा ग्रुप है जो राजधानी में अभी भी सक्रिय है.

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