कानन पेंडारी में हुई दो भालुओं की मौत! इस संक्रामक बीमारी का कोई उपचार नहीं!

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बिलासपुर-कानन पेण्डारी जूलॉजिकल गार्डन बिलासपुर में एक मादा भालू ( कविता ) की चार दिनों तक चौबीस घंटे सघन उपचार के पश्चात भी मृत्यु हो गई । प्रथम दृष्टि में लक्षणों के आधार पर मादा भालू को Infectious canine hepatitis से संकगित दर्शित होता है Infectious canine hepatitis एक विषाणु जनित बीमारी है जो कि Adeno virus से होता है । भालू में ICH के संक्रमण के पश्चात इसका कोई प्रभावी उपचार नहीं है । इस संक्रमण से भालुयों को बचाव हेतु Isolation ही एक मात्र उपाय है । मादा कविता भालू जो कि पूर्व में मृत मालुओं के संपर्क में थी जिसे तत्काल उसके केज से रेस्क्यू सेंटर में बने केज में सघन निरीक्षण हेतु लाया गया था किन्तु पूर्व में मृत भालुओं से सीधे संपर्क में होने के कारण मादा भालू का ICH से संक्रमित होना हो सकता है । इस बीमारी का Incubation period 10 से 13 दिन का होता है इस कारण मादा भालू में इसके लक्षण 10 दिन बाद दिखाई दिये थे । चूँकि Infectious canine hepatitis का कोई प्रभावकारी उपचार नहीं है इस कारण उक्त भालु का Symptomatic treatment किया जा रहा था । इस दौरान कविता मादा भालू को अन्य भालूयों की तरह immuno – modulator एवं Multivitamin निरंतर दिया जा रहा था कविता मादा भालू के केज को प्रतिदिन जीवाणुनाशक दवा के माध्यम से जीवाणुरहित किया जा रहा था । भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान प्रतिष्ठान , बरेली के द्वारा पूर्व में मृत भालु की विसरा नमूना की जाँच के पश्चात मृत्यु का कारण Infectious canine hepatitis होना बताया गया है जिसका भालूयों में संक्रमण के पश्चात कोई प्रभावकारी उपचार नहीं है Infectious canine hepatitis के लक्षणों के आधार पर मादा भालु को दिनांक Fluid therapy , कृत्रिम रूप से आक्सिजन एवं अन्य आवश्यक दवाईयाँ प्रदान किया जा रहा था । मादा भाल की उम्र लगभग 04 वर्ष 03 माह थी कविता नामक मादा भाल को बलरामपुर से 1 माह की उम्र में रेस्कयू करके लाया गया था । उक्त मादा भालू के मृत्यु के पश्चात शव विच्छेदन प्रक्रिया तक संचालक , अचानकमार अमरकंटक बायोरिफर रिजर्व , अधीक्षक एवं परिक्षेत्राधिकारी , कानन पेण्डारी जू की उपस्थिति में पशु चिकित्सकों की समिति डॉ . आर.एम. त्रिपाठी , प.चि.स.श. कार्यालयीन , डॉ . अजीत पाण्डेय , कानन पेण्डारी जू एवं कोटमीसोनार के पशु चिकित्सक डॉ . तृप्ति सोनी के द्वारा किया गया एवं परीक्षण हेतु विसरा एकत्रित किया जाकर दाह संस्कार किया गया । पशु चिकित्सकों की समिति द्वारा मादा भालू के मृत्यु का कारण Infectious canine hepatitis होना बताया गया ।

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मरवाही में भालू की मौत जंगल मे घूमते घूमते हो गई कम से कम डीएफओ दिनेश पटेल तो यही बता रहे है ,थोड़ा हास्यास्पद लगता है कि वन्य जीव जंगल मे घूमते घूमते घायल हो गया ,कही शिकार का मामला तो नही है ,जिसे दबाने की कोशिश हो रही है, अगर भालू बोलने वाला होता तो वन विभाग की असलियत सामने आ जाती ,शुक्र है बेजुबान है और वन अमले के मजे का कारण है ,वन मंत्री को भले इन वन्य जीवों पर दया न आ रही हो लेकिन ऊपर वाला सब देख रहा है।

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