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नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। प्रदेश में 2 चरण में चुनाव होंगे। पहले चरण में 7 नवंबर और दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव परिणामों की घोषणा 3 दिसंबर को होगी। छत्तीसगढ़ को आज से 55 दिन बाद नई सरकार मिलेगी।
कहां कब होगी वोटिंग, नतीजे कब?मिजोरम- 7 नवंबर मध्यप्रदेश- 17 नवंबरछत्तीसगढ़- 7 और 17 नवंबरराजस्थान – 23 नवंबरतेलंगाना- 30 नवंबर
सभी राज्यों के नतीजे एक साथ 3 दिसंबर को आएंगे।नई दिल्ली में चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि, आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को तीन बार न्यूज पेपर में अपनी जानकारी विज्ञापित करानी होगी। वहीं राजनीतिक दलों को भी बताना पड़ेगा कि ऐसे प्रत्याशियों को टिकट देने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।
उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ में कुल 2.03 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 1.01 करोड़ पुरुष वोटर्स तो 1.02 करोड़ महिला वोटर्स हैं, जबकि 18 से 22 साल की आयु के 18.68 लाख मतदाता हैं। छत्तीसगढ़ में पिछली बार दो फेज में 12 और 20 नवंबर को वोटिंग हुई थी। रिजल्ट 11 दिसंबर को अनाउंस किया गया था। 18 दिसंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण हुआ था।

पिछले चुनाव के आंकड़े
प्रदेश में विधानसभा की 90 सीटें हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो पहले चरण में 18 सीटों पर 12 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 सीटों पर मतदान कराया गया था। कांग्रेस ने 68 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की थी। जबकि 15 साल सत्ता में रही भाजपा 15 सीटों पर सिमट गई थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के पास 14 रह गई, जबकि कांग्रेस की तीन सीटें बढ़कर 71 पहुंच गई।
छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी की नक्सल हमले में हत्या के बाद हुए उप चुनाव में कांग्रेस की देवती कर्मा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा के पास 14 सीटें रह गईं। भानुप्रतापपुर सीट पर कांग्रेस विधायक मनोज मंडावी का हार्ट अटैक से निधन हो गया। उनके बाद उनकी पत्नी सावित्री मंडावी ने कांग्रेस से जीतीं। इसी तरह खैरागढ़ से जेसीसीजे के विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस की यशोदा वर्मा विजयी रहीं।
पोस्टर-बैनर हटाए जाएंगे, हथियार होंगे जमा
आचार संहिता लगते ही किसी भी सरकारी काम के लिए चुनाव आयोग की सहमति अनिवार्य होगी। इसके साथ ही सरकारी वाहनों के उपयोग पर बैन लग जाएगा। वहीं प्रदेश भर में लगे चुनावी प्रचार वाले सभी पोस्टर-बैनर 24 घंटे में हटा दिए जाएंगे। मंत्रियों को सरकारी गाड़ियां और सुविधाएं छोड़नी पड़ेगी। नए कामों की घोषणा नहीं की जा सकेगी, लेकिन पुराने काम जो पहले से चलते आ रहे हैं, वो चलते रहेंगे।
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