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Jabbal & Sons Gali, Nehru Nagar, Bilaspur(C.G) - 495001
बिलासपुर—-सिम्स के 92 जुनियर डॉक्टरों ने एक साथ इस्तीफा दिया है। जुनियर डाक्टरो के सामुहिक इस्तीफा के बाद बिलासपुर से लेकर रायपुर तक हड़कम्प मच गया। बहरहाल जू़डा नेताओं से शासन बातचीत का भी प्रयास कर रहा है। सिम्स के 92 से अधिक जूनियर डाक्टरों ने सामुहिक इस्तीफा दिया है। इस्तीफा के बाद बिलासपुर से लेकर रायपुर तक हडकम्प मच गया है। वहीं सिम्स की हालत भी खराब हो सकती है।
बताते चलें कि सिम्स में डाक्टरों की भारी कमी है। यहां ज्यादातर व्यवस्था में जूनियर डाक्टरों की अहम भूमिका है। ओपीडी से लेकर कई छोटे बड़े विभागों में जूनियर डाक्टरों की भूमिका अहम् है। जानकारी हो कि वर्तमान सेवा को दो साल की ग्रामीण सेवा में सम्मिलित नहीं किए जाने को लेकर डॉक्टरों में नाराजगी है। शर्तों के अनुसार जूनियर डाक्टरों को निश्चित समय अवधि में ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करना अनिवार्य है। कोरोना काल के चलते जूनियर डाक्टरों की सेवाएं सिम्स में सिमटकर रह गयी
है।
जूडा की मांग है कि वर्तमान कोरोना काल की सेवाओं को दो साल के ग्रामीण क्षेत्रों की सेवाओं में जोड़ा जाए। सिम्स के 2014 बैच के नवनियुक्तं 30 जूनियर रेसीडेंट ऐसे हैं जिन्होने मार्च 2020 में इंटरशिप पूरा कर लिया है।
इन्टर्नशिप पूरा कर चुके डॉक्टरों को नियमानुसार दो साल तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य है। कोरोना काल को देखते हुए इन्हें सिम्स में ही जूनियर रेसिटडेन्ट पद पर स्थापित किया गया है। दो महीना बीत जाने के बाद भी इन्हें जेआर की नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया है।
इस बात को लेकर नाराजगी तो है ही साथ में सभी जूनियर डाक्टरों का कहना है कि मौजूदा स्थिति की सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्र की सेवाओं में जोड़ा जाए। लेकिन प्रबंधन इस बात को लेकर राजी नहीं है। इन्ही दो प्रमुख बातों को लेकर जूनियर डाक्टरों में गहरी नाराजगी है। नाराज 92 डाक्टरों ने गुरुवार को एक साथ इस्तीफा दे दिया है।
सामुहिक इस्तीफा के बाद सिम्स प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। इस्तीफा देने वाले जूनियर डाक्टरों के अनुसार 2014 बैच के नवीन जूनियर रेसीडेंट चिकित्सक है। सभी की नियुक्ति डीएमई एसएन आदिले के आदेश और डीन डॉ. पीके पात्रा के निर्देश पर किया गया है।
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