वेटेज ना मिलने से शिक्षकों को मंथली फीस में हुआ 5736 से 8376 तक का नुकसान…

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Tanay

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा व संचालक डीपीआई को पत्र लिखकर वेटेज के साथ वेतन निर्धारण की मांग करते हुए कहा है कि अतिरिक्त सेवा के लिए वेटेज शिक्षको का अधिकार है।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, प्रदेश संयोजक सुधीर प्रधान, वाजीद खान, प्रदेश उपाध्यक्ष हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, प्रदेश सचिव मनोज सनाढ्य, प्रदेश कोषाध्यक्ष शैलेन्द्र पारीक ने कहा है कि 2 वर्ष में संविलियन के बाद अतिरिक्त सेवा के लिए वेटेज नही मिलने से 7 – 8 वर्ष वाले शिक्षको को 5736 से 8376 रुपये तक मासिक वेतन का नुकसान हो रहा है, यह पूरी सेवा अवधि में लाखों का है।

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संविलियन होने के बाद अधिकांश डीडीओ द्वारा शासन से वेटेज सम्बन्धी स्पष्ट आदेश के अभाव में 2 वर्ष पूर्ण वाले शिक्षकों व 7 – 8 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षकों का वेतन एक समान बनाया जा रहा है, जबकि संविलियन पूर्व 2 वर्ष से अधिक की सेवा में अतिरिक्त वार्षिक वेतनवृद्धि देय है। 3, 4, 5, 6, 7 व 8 वर्ष की सेवा के आधार पर शिक्षको का वेतन अलग अलग है, और अभी 2 वर्ष में संविलियन होने पर 2 वर्ष व 4, 5, 6, 7, 8 वर्ष सभी का वेतनमान न्यूनतम पर ही एक समान है, जिससे 2 वर्ष से अधिक सेवा वाले संविलियन हुए शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

इससे पूर्व 2013 में शिक्षक समतुल्य पुनरीक्षित वेतनमान के समय 2 वर्ष में एक वार्षिक वेतनवृद्धि का वेटेज देकर वेतन का निर्धारण किया गया था, हालांकि वह भी विसंगतिपूर्ण था किंतु अतिरिक्त सेवा के लिए वेटेज प्रदान किया गया था, जिसके बाद 2018 में नियम 8 वर्ष में संविलियन किये जाने पर शिक्षक जिस वेतनमान में थे वहां से ही उन्हें 7 वें वेतनमान में वेतन का निर्धारण किया गया है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन 2 वर्ष से अधिक की सेवा पर वेटेज देने की मांग को पुरजोर ढंग से उठा रहा है, ज्यादा वेतन के स्टेज वाले शिक्षको को वेटेज देकर ही वेतनमान का निर्धारण किया जाना चाहिए, एसोसिएशन द्वारा पूर्व से ही यह मांग जारी है।

टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने डीपीआई श्री जितेंद्र शुक्ला जी को पत्र देकर इस विषय मे चर्चा किया है, उन्होंने कहा है कि यह मामला शासनान्तर्गत है, एसोसिएशन द्वारा शासन स्तर से शीघ्र आदेश जारी करने मांग किया है ताकि पूरे प्रदेश में एकरूपता के साथ वेतन निर्धारण किया जा सके।

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