बिलासपुर संयुक्त संचालक ने दिए ऑनलाइन परीक्षा के निर्देश, वहीं संचालक प्रमुख सचिव ने इंकार करते हुए कहा ऐसा कुछ नहीं हो रहा–

Spread the love

साभार– दैनिक भास्कर

Advertisement

Tanay

छत्तीसगढ़ में सरकारी कामकाज गजब ढंग से चल रहा है। बिलासपुर में स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक ने 10वीं-12वीं को छोड़कर सभी परीक्षाएं ऑनलाइन कराए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने इसके लिए संचालक के निर्देश का हवाला दिया है। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग के संचालक और प्रमुख सचिव स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा की बात से इन्कार कर रहे हैं।

Advertisement

Tanay


बिलासपुर में स्कूल शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक आर.एन. हीराधर ने गुरुवार को स्थानीय सेंट फ्रांसिस स्कूल प्रबंधन को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने क्षेत्रीय विधायक शैलेश पांडेय के एक पत्र का हवाला दिया है। कहा गया है, स्कूल शिक्षा संचालक की ओर से सभी सरकारी और निजी स्कूलों में स्थानीय परीक्षाएं ऑनलाइन कराए जाने का निर्देश हुआ है। बोर्ड की परीक्षाएं नियमानुसार होंगे। संयुक्त संचालक ने लिखा, संचालक लोक शिक्षण के निर्देश के मुताबिक स्थानीय व्यवस्था एवं कोरोना महामारी को ध्यान मे रखते हुए समस्त ऑनलाइन परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की जाएं।

यह पत्र जारी होते ही बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने कहा, उनके प्रयास से पूरे प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा की व्यवस्था लागू हो गई है। दैनिक भास्कर से बातचीत में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा, स्कूलों की परीक्षा में अभी ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। कोरोना का प्रकोप कम हो गया है। ऐसे में स्कूल भी खुलेंगे और परीक्षाएं भी सामान्य तौर पर ली जाएंगी। लोक शिक्षण के संचालक सुनील कुमार जैन ने बताया, उनकी ओर से ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है, जिसमें परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित करने की बात कही गई हो।

संयुक्त संचालक के पत्र पर रोकलोक शिक्षण संचालक सुनील कुमार जैन ने कहा, एक स्कूल के संदर्भ में मांग आई थी। उन्होंने इस तरह का प्रस्ताव शासन को भेजा है। संयुक्त संचालक को भी यही बताया गया था। फिलहाल संयुक्त संचालक ने जो पत्र जारी किया था, उस पर रोक लगा दी गई है। परीक्षा को ऑनलाइन या ऑफलाइन कराने का फैसला शासन को लेना है।कोरोना संक्रमण और ऑनलाइन पढ़ाई का हवालास्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों का कहना है, अधिकतर जगहों से परीक्षा ऑनलाइन कराने की मांग आ रही है। पालकों और जनप्रतिनिधियों का तर्क है कि कोरोना का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है। पूरे साल जब पढ़ाई ऑनलाइन कराई गई और परीक्षा ऑफलाइन ली जाएगी तो बच्चा सामंजस्य नहीं बिठा पाएगा। इससे उसका प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।

Advertisement

Tanay