कलेक्टर ने अनुसूचित जनजाति के 13 लोगों को भेजा जेल!

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बिलासपुर-मरवाही एक तारीख को कलेक्टर द्वारा भरिया अनुसूचित जनजाति के 13 लोगों को जेल भेज दिया गया ,इनका कुसूर इतना था किबये अपने समाज के व्यक्ति को बचाने के लिए कलेक्टर ऋचा प्रकाश के पास पहुँचे थे लेकिन कलेक्टरी की गर्मी के चलते इनको रहता देना तो दूर कलेक्टर ने इन आदिवासियों को आंतकी की तरह हथकडी लगवा कर जेल भेज दिया , सरकार की छवि खराब करने वाले ऐसे कलेक्टर को तत्काल हटा देना चाहिए जिस काम के लिए शासन ने रखा है जब वही नही कर पा रही है तो ,तत्काल कार्यवाई शासन को करना चाहिए। ऐसे कलेक्टर जबरिया लोगो मे सरकार के प्रति द्वेश पैदा करने जैसा काम कर रहे है।जिले में आदिवासियों के 3000 एकड़ भूमि गैर आदिवासियों द्वारा काबिज होना, जिले में समाज के शासकीय कर्मचारियों पंचायत प्रतिनिधि यो, सामान्य जनों के साथ लगातार शोषण अत्याचार होना एवं संगठन विस्तार कि सकारात्मक चर्चा आगामी रणनीति की तैयारी संगठन द्वारा किया गया जिसमें आगामी समय मे प्रशासन को पत्र प्रेषित कर समस्या का उचित समय सीमा में जल्द निपटारा करने का आवेदन किया जायेगा हल नही होने की स्थिति में समाज के पास सभी विकल्प खुला होगा या विचार रखा गया है। भरिया समाज के तत्कालिक मामले में 26 तारीख को समाज के एक व्यक्ति बांध में डूब कर मरने की स्थिति में एक तारीख तक उसकी बॉडी को नहीं खोजना की शिकायत लेकर कलेक्टर से मिलने के प्रयास समाज द्वारा किया गया कलेक्टर कि नहीं मिलने की स्थिति में उनके बंगले के सामने भारत माता की जय का जय कारा करने पर कलेक्टर नाराज होकर तेरह लोगों को जेल भिजवा दी,व थाने में ले जाये गये आदिवासी समाज के लोगों के साथ थाना प्रभारी द्वारा अश्लील गाली गलौज करना जो संवेदनशीलता को दर्शाता है प्रशासन की मंशा पर उंगली उठता है इसे लेकर समाज में बहुत ही रोष व्याप्त है। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सुभाष परते ने कलेक्टर के व्यवहार की निंदा की है ,सुभाष परते का कहना कि आदिवासी जिला होने के बाद भी संरक्षित आदिवासियों के साथ कलेक्टर का ये बरताव अमानवीय है मामले को लेकर ऊपर शिकायत की जाएगी कार्यवाई नही हुई समाज कलेक्टर ऋचा प्रकाश के खिलाफ आंदोलन करेगा।

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