कलेक्टर भीम सिंह ने दिखाई तेजी।। कृषि विभाग की रिपोर्ट।। पूरा पढ़ें:-

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जिले में किसानों को शासकीय योजनाओं का पूरा लाभ मिले। किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, केसीसी निर्माण, नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के अंतर्गत भू-नाडेप तथा वर्मी कम्पोस्ट पिट निर्माण जैसे कृषक हित के कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से पूर्ण कराये जायें। उक्त बातें कलेक्टर श्री भीम सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों से कही।

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कलेक्टर श्री सिंह ने कलेक्टोरेट के सृजन सभाकक्ष में खरीफ फसल से जुड़ी तैयारी एवं समीक्षा बैठक ली। जिला पंचायत सीईओ सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी भी बैठक में उपस्थित रही। कलेक्टर श्री सिंह ने पूरे जिले में कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विकासखण्डवार जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को कार्य की गति बढ़ाने के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि आप शासन के प्रतिनिधि है और शासकीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन का दारोमदार आपके ऊपर है। किसानों से जुड़ी योजनायें शासन की प्राथमिकता में है। अत: अपना शत-प्रतिशत देकर उसको जमीन पर क्रियान्वित कीजिये।
कलेक्टर श्री सिंह ने किसान सम्मान निधि से जुड़ी किसानों की जानकारी त्रुटि सुधार कर पूर्ण रूप से पोर्टल में आगामी 10 जुलाई तक अनिवार्यत: इंद्राज कराने के लिए उप संचालक कृषि को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत नियमानुसार सभी पात्र लोगों को योजना का लाभ मिलना चाहिए तथा जहां समस्या आ रही है आरएईओ, पटवारी के साथ समन्वय कर उसे सुलझायें। उन्होंने आगे कहा कि किसानों को दलहन-तिलहन फसल लेने के लिए भी प्रोत्साहित करें। किसानों को फसल विविधता से जुड़े लाभ से अवगत कराये व अन्य फसल लगाने हेतु उनकी सहमति ले। इसके लिये प्रत्येक आरएईओ लक्ष्य निर्धारित कर तत्काल कार्य प्रारंभ करें।

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वन अधिकार पट्टे प्राप्त हितग्राहियों के केसीसी निर्माण करवाने पर विशेष जोर देकर कहा कि यह उनके लिए अत्यंत लाभकारी है। केसीसी बनने से उन्हें विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। वे खाद-बीज, कृषि यंत्र, सिंचाई सुविधा व सहकारी संस्थाओं से खाद तथा बीज भी ले सकेंगे। दूरस्थ अंचल के लोगों को केसीसी निर्माण का फायदा प्राथमिकता से मिलना चाहिये।
गांवों में ऐसे किसान जिनके पास पशुधन है उनके घरों में भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट पिट का निर्माण करवायेे जिससे किसान घर पर ही पशु अपशिष्ट से जैविक खाद का निर्माण कर सके। उन्होंने जिले में जैविक खाद उत्पादन पर जोर देते हुए के खाद को एक ब्रांड नेम बनाकर उसके मार्केटिंग व विपणन के निर्देश दिये। साथ ही कहा कि प्रत्येक गौठान में भी खाद बनाया जाना है जिसके लिए वहां वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जाये।

कलेक्टर श्री सिंह ने रबी फसल का रकबा बढ़ाने के लिये कहा। साथ ही कृषि कार्यों जैसे कम्पोस्ट पीट, ङ्क्षसचाई हेतु डबरी या कुंआ निर्माण, भूमि समतलीकरण आदि करवाया जाना है, उन्हें मनरेगा से जोडऩे के निर्देश दिये। गौठान पर कृषि विभाग की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि गौठानों में खाद निर्माण कृषि विभाग का कार्य है। अत: विभाग इसके लिए विशेष प्रयास करे। इसके साथ ही पशु गौठान में रहे इसके लिए पैरा की व्यवस्था के साथ चारागाह में हरा-चारे के इंतजाम के निर्देश भी दिये। उन्होंने जिले में खाद बीज भंडारण व वितरण की समीक्षा भी की। जिन स्थानों में खाद-बीज की कमी है, बैठक में ही उनकी जानकारी नोट करवाकर उप पंजीयक सहकारिता तथा डीएमओ को तत्काल खाद-बीज उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये।
फसल बीमा योजना के विषय पर उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि, ओला वृष्टि व सूखा जैसे आपदा के हालातों में यह किसानों को आर्थिक राहत पहुंचाते है अत: जिले में अधिक से अधिक संख्या में किसानों का बीमा करवाया जाये। जिसके लिये आरएईओ किसानों से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें योजना के लाभ से परिचित करायें। बैठक में उप संचालक कृषि श्री एल.एम.भगत, उप पंजीयक सहकारिता शिल्पा अग्रवाल, डीएमओ श्री आशुतोष कोसरिया, सहायक संचालक कृषि श्री जायसवाल सहित जिले के कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

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