सहकारी बैंक का घेराव।। किसानों ने मांगा CEO का इस्तीफा कलेक्टर द्वारा एसडीएम जांच का आदेश जारी पूरा पढ़ें:-

Spread the love

बिलासपुर—–अखिल भारतीय किसा संघ के बैनर तले आज जिले के किसानों ने जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित कार्यालय का घेराव किया। रैली की सूरत में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम पत्र दिया। एटीएम से रूपयों की धोखाधड़ी को लेकर न्यायिक जांच की मांग की। किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने कहा जांच के दौरान बैंक सीईओ और जिम्मेदार अधिकारियों को अलग थलग किए जाने की भी मांग की है। बताते चलेें कि पिछले 15 दिनों में जिला सहकारी बैंक खाताधारी किसानों के खाते से लाखों रूपए एटीएम कार्ड से अज्ञात आरोपी ने आहरण किया। जबकि किसानों के पास एटीएम कार्ड भी नहीं है। बावजूद इसेक उनके एटीएम से लाखों रूपयों का आहरण किया गया।  मामले की जानकारी किसान को भी नहीं हुई। जानकारी के बाद एफआईआर दर्ज कराया गया। लेकिन अभी तक आरोपियों को पकड़ा नहीं जा सकता है। 

Advertisement

Tanay

किसान नेता धीरेन्द्र ने बताया कि इस पूरे मामले में सहकारी बैंक प्रशासन की उदासीनता शक पैदा करता है। यद्यपि सीईओं ने विभागीय जांच की बात कह रहे हैं। लेकिन 10 दिन से अधिक समय हो जाने के बाद भी कुछ परिणाम हासिल नहीं हुआ है। किसान अपने रूपयों को लेकर चिंतित है। पीड़ित किसानों के अलावा अन्य किसान भी बहुत परेशान हैं। 

Advertisement

Tanay


  धीरेन्द्र दुबे ने कहा कि लाखों रूपए की ठगी के बाद भी बैंक के सीईओ का उदासीन रवैया समझ से परे हैं। दुबे ने बताया कि इसी प्रकार की लापवाही के कारण सीईओ को अम्बिकापुर में भी निलंबित किया गया था। बावजूद इसके अभी भी वह अपनी आदतों से बाज नही आ रहे हैं।

धीरेन्द्र ने नाराजगी जाहीर करते हुए कह ाकि सेवा सहकारी समिति सकरी के कृषक राम कुमार कौशिक के खाते से 16अप्रैल से 16 मई के बीच 5लाख 60 हजार रुपए निकाले गए। शिकायत के बाद भी प्रबंधन संस्था को बचाव करते कृषक को खुश करने सामान्य रपट थाना में करा दिया । अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।

        धीरेन्द्र ने बताया कि अब तक पांच किसानों से धोखाधड़ी हो चुकी है। लेकिन बैंक प्रबंधन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। अपनी गलतियों को सही ठहराने में जुटा है। यह जानते हुए भी कि एटीएम को सम्बन्धित किसान के पते पर डाक से भेजा जाता है। अथवा पंजी संधारित कर कृषक को केवाई सी बाद कृषक के हस्ताक्षर कराने के साथ दिया जाता है। लेकिन बैंक प्रबंधन ने ऐसा कुछ नहीं कियाष। बल्कि सारे कार्ड अपने यहां रख लिए। जिसका खामियाजा आज किसान भुगत रहा है।

Advertisement

Tanay