Physical Address
Jabbal & Sons Gali, Nehru Nagar, Bilaspur(C.G) - 495001
रायपुर।प्रदेश के डीजीपी डीएम अवस्थी ने मंगलवार को सभी एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की।वीसी में श्री अवस्थी ने पुलिस कप्तानों से दो टूक कहा कि कानपुर जैसी घटना नहीं होनी चाहिए।अपराधो पर लगाम को लेकर उन्होंने कहा कि गुंडों और हिस्ट्रीशीटर पर सख्त कार्रवाई करे।अधििकारियों को वीसी मेंं निर्देशित किया कि चिटफंड कंपनी संचालकों को जेल भेजें और संपत्ति कुर्क करें।एजेंटों से केस वापस लें।
इधर कानपुर मामले में शुक्रवार की सुबह गैंगस्टर विकास दुबे के गुंडों के साथ हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मियों की जान जाने के मामले में जांच जारी है. लेकिन सोमवार को सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी सामने आने के बाद काफी हलचल मची. कथित रूप से यह चिट्ठी विकास दूबे पर छापे का नेतृत्व कर रहे डीएसपी देवेंद्र मिश्रा ने तीन महीने पहले अपने सीनियर को लिखी थी. अब पुलिस का कहना है कि यह चिट्ठी पुलिस रिकॉर्ड में है ही नहीं और इसे ढूंढा जा रहा है. सुबह से वायरल तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्र की चिट्ठी के संदर्भ में एसएसपी कानपुर द्वारा जांच की गई जिसमें ये चिठ्ठी सीओ, एसपी ग्रामीण, एसएसपी के समस्त कार्यालयों के किसी भी रजिस्टर पर रिसीव नही पाई गई. यह जानकारी एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार पी ने दी.
डीएसपी देवेंद्र कुमार मिश्र की यह कथित चिट्ठी सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी. यह चिट्ठी उन्होंने तीन महीने पहले तत्कालीन पुलिस चीफ अनंत देव तिवारी को लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने बताया था कि अब निलंबित हो चुके चौबेपुर पुलिस स्टेशन के इंचार्ज या SHO विनय तिवारी कैसे अपराधी विकास दूबे की मदद कर रहे थे और कैसे उसे किसी भी संभावित पुलिसिया कार्रवाई से बचा रहे थे. इस चिट्ठी में उन्होंने तिवारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी.
इस चिट्ठी को लेकर कानपुर के पुलिस चीफ दिनेश कुमार पी ने सोमवार की रात कहा, ‘मुझे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही चिट्ठी के बारे में पता चला है. डीएसपी ऑफिस और कानपुर एसएसपी के ऑफिस में डिस्पैच और रिसीविंग सेक्शन में जांच की गई है, अभी तक इस चिट्ठी का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है और हमें कोई फाइल नहीं मिली है. लेकिन हम इसमें और डिटेल्स की जांच कर रहे हैं और जानकारी मिलने पर हम तथ्य बिल्कुल साझा करेंगे.’
बता दें कि पुलिस पर हमले के चार दिन होने के बावजूद अभी तक इस केस में मुख्य आरोपी विकास दूबे का कोई अता-पता नहीं है. दूबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं. सोमवार को उसके सिर पर रखे इनाम भी बढ़ा दिया गया. अब उसकी जानकारी देने वालों को 2.5 लाख का इनाम दिया जाएगा. लेकिन अभी तक उसकी कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है.
Advertisement